The Single Best Strategy To Use For पारद शिवलिंग के लाभ

पुत्रार्थी पुत्रमाप्नोति पयसा चाभिषेचनात।।

धातु में चांदी, तांबा और सोने का बना होना चाहिए।

शिव जी भांग,बेलपत्र और धतूरा अत्यधिक प्रिय है इसलिए शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए।

मनः शांति: स्फटिक शिवलिंग मन को शांत करने और एकाग्रता बढ़ाने में सहायक होता है। नियमित पूजा से मानसिक स्थिरता प्राप्त होती है।

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पारद शिवलिंग की पूजा से घर में शांति और सद्भाव का माहौल बनता है।

शिवलिंग पर अक्सर जल और बिल्वपत्र तो चढ़ाया ही जाता है लेकिन इसके अलावा भी बहुत कुछ अर्पित किया जाता है। शिवजी का कई प्रकार के द्रव्यों से अभिषेक किया जाता है। सभी तरह के अभिषेक का अलग-अलग फल दिया गया है। शिव पुराण के अनुसार किस द्रव्य से अभिषेक करने से क्या फल मिलता है? जानिए-

हिन्दू धर्म में शिव की पूजा का अत्यधिक महत्व होता है। शिव जी का पूजन करना शुभ माना जाता है। सनातन धर्म में शिव जी के स्वरूप शिवलिंग की पूजा की जाती है। कहा जाता है जो भी शिवलिंग की पूजा करता है। उस पर भगवान शिव का आशीर्वाद बना रहता है। शिवलिंग की पूजा में सबसे महत्वपूर्ण होता है पारद शिवलिंग। पारद शिवलिंग की पूजा करना अत्यधिक महत्वपूर्ण होता है।

प्राचीन ग्रंथों में पारद शिवलिंग को स्वयं सिद्ध धातु माना गया है। इसका वर्णन चरक संहिता समेत कई ग्रंथों में मिलता है। इस शिवलिंग की पूजा करने से सभी तरह के तंत्र-मंत्र और नकारात्मक शक्तियां खत्म हो जाती हैं और जातक के आसपास सकारात्मक ऊर्जा का कवच बना रहता है। मान्यता है कि पारद शिवलिंग की पूजा करने वाले की स्वयं महाकाल और महाकाली रक्षा करती हैं।

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तुम्ही भक्तिभावनेने त्या शिवलिंगाला देवघरात स्थान देऊ शकता. 

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पूजा के बाद इन शिवलिंगों की देखभाल कैसे करें?

उसके बाद जातक को पूर्व-उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए।

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